संगठित होने से होगा समाज का सर्वांगीण विकास। राधेश्याम विश्वकर्मा
डिजिटल क्रांति से अच्छा और बुरा प्रभाव दोनों प्रकार से है प्रभावित, अभिभावक बच्चों पर रखें ध्यान
महाराष्ट्र / वसई
पत्रकार धनन्जय विश्वकर्मा
मुम्बई के वसई विरार म.न.पा. क्षेत्र में स्थित सातिवली में श्री विश्वकर्मा ट्रस्ट संस्था के अध्यक्ष राधेश्याम विश्वकर्मा समाज की पीड़ा को देखते हुए उन्होंने बताया कि आज हमारा विश्वकर्मा समाज एकत्रित नहीं हैं। जो उनके मजबूरी का फायदा अन्य लोग उठा रहे हैं। विश्वकर्मा से ही धरातल पर विज्ञान है। इस लिए जय विश्वकर्मा जय विज्ञान का नारा दिया गया है। तभी प्रत्यक्ष दिखने वाला सभी तथ्य के कल्चर में सुगमता हुआ है। आज डिजिटल क्रांति का दौर चाल रहा है यह सब विश्वकर्मा समाज के द्वारा सम्भव हुआ है। यहीं उसके विपरीत यह भी देखा गया है कि विश्वकर्मा समाज के अग्रिम पक्ति के लोग अपने पिछे छोटे भाई अर्थात समाज को ध्यान नहीं दे रहें हैं। जिससे अभी भी गांव में समाज के ग़रीब तबके के लोग रहते हैं। उनके जीवन को सफल बनाने में उन लोगों को आगे आना चाहिए। जिससे सबका विकास हो सके।
श्री विश्वकर्मा ट्रस्ट संस्था सातिवली में समाज के प्रति सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहता है। सभी पदाधिकारी और सदस्य अपने अपने कर्तव्यों का बखूबी से पालन करते हैं।
अखिलेश विश्वकर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा समाज के लोग हफ्ते में एक दिन, कुछ समय निकाल कर अपने लोगों से मुलाकात करे। तब पर भी समाज के लोगों को सहान-भूत प्रदान होगा। और उनका मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने ने यह भी कहा कि आज डिजिटल क्रांति बच्चों पर अच्छा और बुरा प्रभाव दोनों प्रकार से प्रभावी है। अभिभावक अपने बच्चों को ध्यानदें की डिजिटल प्लेटफार्म पर किसी गलत तथ्यों का शिकार तो नहीं हो रहें हैं। बच्चे कल के भविष्य हैं। उनका जैसा संगत, सोच, समझ रहेगा वह उसी के अनुकूल व्यवहार करेंगे।