आग लगने से घर का सामान और नगदी राख, तन पर का ही कपड़ा बचा । 4 मवेशी की मौत
बेटी के विवाह के लिए एक-एक पाई जुटा रहा था पिता,आगजनी के चलते सपना हुआ चकनाचूर
जौनपुर। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के तरसावा गांव में बिजली की तार के शार्ट सर्किट से लगी आग के चलते लाखों का सामान व नगदी जलकर राख हो गई, और 4 मवेशी आग की चपेट में आने से मौत हो गई। ग्रामीणों ने घंटो मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
तरसावा गांव के निवासी जोगिंदर राजभर पुत्र राज नारायण अपने परिवार संग मड़हा (घर) पर बच्चों के साथ रोज की भाती सोए हुए थे। बृहस्पतिवार आधी रात जोगिंदर राजभर के मड़हे से आग की तेज़ लवर को देखा तो सोर- गुल्ल पर आनन फानन में कुछ मावेसी को बचा पाए बाकी परिवार का सारा सामान ख़ाक में बदल गया। आग लगने से उन्हें हैरान कर दिया।
झोपड़ी के अंदर ही रहने खाने सोने व खाना बनाने की व्यवस्था की गई थी,आग के दौरान रियासी झोंपडी के अंदर गैस सिलेंडर भी मौजूद था। जिसके फटने के डर ने लोगों को करीब आने से रोक दिया था। लोग बेबस होकर जलते हुए आशियाने के तरफ टकटकी लगाए हुए थे। उधर जोगिंदर व उसके परिवार का आशियाना जलता देख रो रो कर बुरा हाल हो गया परिजन चिखते पुकारते रहे लेकिन कोई मदद ना मिल पाई जिसके चलते पूरा गृहस्ती चलकर राख हो गया।
जोगिंदर राजभर ने बताया कि जहां पर हमलोग सोए थे उसके बगल बुजली के पंखे की तरफ़ से आग की तेज़ लपेट ने मेरे घर में रखा सारा सामान और कपड़ा पैसा जलकर राख हो गया। ग्रामीणों के सहारे आग पर काबू पाया, इसी दौरान आग के अंगारे तेज होने से पहले आग पर काबू पा लिया बगल में गेहूं की फ़सल और जोगिंदर के भाई का मकान को बचा लिया। आग लगने के चलते लगभग 6 कुंटल गेहूं, 60 किलो आलू, अरहर दाल, चावल,सरसों, जेवरात, आवश्यक दस्तावेज, पुत्री की बरक्षा के लिए रखा 50 हजार रूपए नगद, खाने पीने का सामान सहित जलकर राख हो गया। मड़हे में बांधी गई 8 बकरियों में से 4 बकरी की जलकर मौत हो गया। और 4 बकरियों इलाज चल रहा है, जिसमें 1 का हालत नाजुक बताया जा रहा है।उधर सूचना मिलते ही तरसावा का ग्राम प्रधान गीता देवी, प्रधान प्रतिनिधी रणजीत गौतम उर्फ राजु भी घटना स्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया उन्होंने बताया कि लेखपाल निशा प्रिय दर्शीय को सूचना मिलने पर उन्हों ने घटना स्थल पर पहुंचकर जायजा लिया। और कहा कि पीड़ित परिवार का हर संभव मदद कराई जाएगी।
जोगिंदर राजभर ने बताया कि मड़ाहा के घर में आरती पत्नी जोगिंदर, खुशबू, कृष्णा, वर्षिका, बच्चों सहित सोए हुए थे, इसी मड़हा में पीड़ित परिवार गुजर बसर करता था , इसके आलावा रहने के लिए कोई आवास नहीं है। शार्ट सर्किट ने गरीब पर और बोझ डाल दिया। जोगिंदर गैरेज़ का कार्य कर किसी तरह से घर परिवार का जीवन यापन करता है। 24 अप्रैल को भतीजे शिवा राजभर का विवाह है, और 28 अप्रैल को बेटी खुशबू का बरक्षा करने के लिए सभी आवश्यक सामान और पैसे का प्रबन्ध कर चुका था। बेटी के विवाह के लिए पैसा इकट्ठा कर रहा था लेकिन आग के चलते सब सपना चकनाचूर हो गया, चलते कुल लगभग 6 लाख का नुकसान हुआ है। नुकसान होने के चलते आने वाले समय में अनाज की कमी होगी और परिवार का लालन पालन कर पाना मुश्किल होगा। थानाध्यक्ष राजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि पीड़ित जोगिंदर राजभर द्वारा तहरीर प्राप्त हुई है विधिक कार्रवाई की जाएगी।
आवास योजना के लिए कई चक्कर विभाग का लगा चुका था चक्कर
जोगिंदर ने बताया की बीते 4 वर्ष पहले वह अपने चार भाइयों से बंटवारा कर अपने परिवार के साथ खेत में रहने लगा था। आरोप है कि अधिकारियों के डील-डाल रवैया के चलते वह आवास योजना से वंचित रह गया समय से अगर आवास योजना का लाभ मिला होता तो शायद इतनी क्षति न होती,बाबत खंड विकास अधिकारी शाहगंज सोंधी जितेंद्र सिंह ने बताया कि दैवीय आपदा सूची में नाम दर्ज होने के बाद लाभार्थी को आवास योजना का लाभ दिलाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।